Monday, October 1, 2012

सोमवार को शिव पूजा से पितृदोष व ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं।

FROM DAINIK BHASKAR DOT COM
http://religion.bhaskar.com/article/ups-these-steps-of-lord-shiv-worship-in-shradhpaskh-quicly-fulfill-desire-3859460-PHO.html?seq=8




शिव पुराण में शिव चरित्र में समाए निराले गुण, शक्तियां और महिमा उजागर हैं। इसलिए शिव का मात्र नाम भी जीवन को संवारने का महामंत्र माना गया है। शिव के कल्याणकारी होने से उनका नाम भी भक्त के मन को परोपकार के भाव की प्रेरणा से भर देता है।

यही नहीं, शिव के इस चरित्र में शिव परिवार भी शामिल है। गृहस्थ जीवन के लिए शिव व उनका परिवार विपरीत हालात से तालमेल बैठाकर हर मुश्किलों से पार पाने का संदेश देता है। शिव परिवार के हर सदस्य यानी मां पार्वती, गणेश व कार्तिक की भक्ति संकटमोचक व शक्ति संपन्नता देने वाली ही है।

यही वजह है कि शिव उपासना का विशेष दिन सोमवार, व्यर्थ परेशानियों से छुटकारे व कामनासिद्धि के लिए विशेष महत्व रखता है। खासतौर पर श्राद्धपक्ष के साथ योग बनाने वाला सोमवार। चूंकि श्राद्धपक्ष भी परिवार की खुशहाली के लिए ही मिलजुलकर पूर्वजों का स्मरण का मौका होता है। इसमें सोमवार को शिव पूजा से पितृदोष व ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं।

श्राद्धपक्ष व सोमवार के संयोग में शास्त्रों में बताए शिव पूजा के कुछ सरल उपाय व मंत्र ऐसी सारी इच्छाओं को पूरा कर परेशानियों को भी दूर कर देते हैं। तस्वीरों पर क्लिक कर जानिए ये आसान पूजा के आसान तरीके व मंत्र- 



  1. पारिवारिक अशांति व तनाव दूर करने के लिए गाय के दूध से शिव अभिषेक बहुत ही मंगलकारी है।
  2. लंबी बीमारी या लाइलाज बीमारी से तंग हैं तो पंचमुखी शिवलिंग पर तीर्थ का जल अर्पित करने से रोगमुक्त होंगे।
  3. सोमवार को शिवलिंग में आंकड़े का फूल या धतूरा चढ़ाने से पारिवारिक, नौकरी या अदालती विवादों से छुटकारा या मनचाहे नतीजे मिलते हैं।
  4. आयुर्वेद में भांग के औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पति है। प्रकृति रूप शिव को भी भांग पंसद होने से भी प्रकृति के लिए प्रेम रखने और निरोगी रहने का सबक जुड़ा है। इसलिए दूध में भांग मिलाकर मानसिक परेशानियों व रोगों से पीछा छुड़ाएं।काम, आजीविका, नौकरी में तरक्की या अच्छे रोजगार की इच्छा है तो शिवलिंग पर शहद की धारा चढ़ाएं।
  5. इन सब उपायों में से कोई भी न कर सके तो कम से कम सोमवार शिव को पावन जल और 108 बिल्वपत्र ही अर्पित कर दें। इससे जीवन में हो रही हर उथल-पुथल थम जाएगी। यह उपाय करते वक्त खासतौर पर ये मंत्र बोलना या वक्त होने पर रुद्राक्ष की माला से जप करना न भूलें - ऊँ सद्योजाताय नम:। ऊँ वामदेवाय नम:। ऊँ अघोराय नम:। ऊँ तत्पुरुषाय नम:ऊँ ईशानाय नम:।

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