Friday, March 24, 2017

CALL YOUR ASTROLOGER, - SAMPLE OF HOROSCOPE READING

CALL YOUR ASTROLOGER, NO CHARGE  FOR ONE QUESTION 

+91 8 8 6 6 0 2 0 0 2 5


ASTROLOGY AND VASTU - MAKE YOUR LIFE BETTER 

DEAR VIEWERS 

Sorry, I was not on my Blogs since last few months. 

I am indeed, regularly reading, thinking and doing analysis on Astrology and vaastu Science and you would be happy to know that many of my clients are getting benefits and resolving their problems by applying most simple, plain, moral ( Satvik) and spiritual solutions ( Upaay )as being advised to them by me.

I am always available for all of you and from TODAY , any one of you,  can call me for 10 miniutes maximum for getting ANSWER  for only ONE QUESTION without any charges.

Indeed earlier, many clients contacted me on Mobile from various parts of the world, discussed about their problems, not once but frequently for months together. I always informed them about my fee, but never asked in advance as I trusted them as I am benevolent in nature. But 70% of these clients took full advantage, referred me too to their friends and relatives but did not pay and  I found them betrayers.

Therefore, One question can be answered by me for free and later if you need my further astrological advice, you need to pay first. 

SO, PLEASE KEEP READING MY BLOGS AND BE IN TOUCH -

Astrologer Ashutosh,

+918866020025 (w/app)
email- 
ashutosh2362@gmail.com

Fee for complete analysis of Horoscope - Rs 2100/-

Discussion for 10 mints for one question - No Charges

Discussion for more than 10 mints up to 30 mints max - Rs.500/- in Advance

Vaastu guidance for New House design - Rs.5000/- 
Vaastu Visit for 2-3 bed rooms Flats or House - Rs. 2100/- in Indore 
( For out side Indore actual travel expenses will also be charged)
For Vaastu tips on phone based on your presend residence-map-Rs. 500/-



BELOW IS A SAMPLE OF ANALYSIS OF HOROSCOPE 


SHREEPAD ASTROLOGY
H O R O S C O P E                                                                      A N A L Y S I S
DATE –               15 -08-2016           

MR. PRAKHAR SAKALYE - DUBAI
DOB- XXXXX - TOB- XXXXPM / POB- XXX
तिथि- पू्र्णिमा  -शुक्ल- पक्ष / शुक्रवार / नक्षत्र-रेवती-2/ राशि-मीन / लग्न-मीन
महादशा - शुक्रअंतेर्दशा-बुध  

 !! श्री गणेशाय नमः !!

Astrologer Ashutosh
GH-82-SCHEME NO.54, VIJAY NAGAR, INDORE-PIN-452010
CALL-08866020025 / 08817576868
Horoscope analysis fee- Rs.2100/- per Horoscope
Delivery period of analysis report – One week


आशीष वचन
आदित्याद्दा ग्रहा: सर्वे सनक्षत्रा: सराशय: !
सर्वान कामान‍‍‍‍‍‍ प्रयच्छंतु यस्यैशा जन्मपत्रिका !!
समस्त नक्षत्रों एवं समस्त राशियों सहित सूर्य आदि सभी नवग्रह
जातक की सभी कामनाओं की पूर्ति करे, जिनकी यह पत्रिका है !
आपके जन्म-विवरण के अनुसार, लग्न-नवांश-तथा षोडश कुंडलीओ के अनुसार, ग्रहों की युतिमहादशा, अंतेर्दशा तथा प्रत्यांतर के अनुसार, संभावित विश्लेषण नीचे दिया गया है. प्रत्येक जातक के जीवन की शुभ-अशुभ परिस्थियाँ ग्रहों के गोचर के अनुसार बदलती रह्ती है, अतः अशुभ ग्रहों के  श्रध्दा-भक्ति-विश्वास के साथ सात्विक-उपाय करने से व्यक्ति को राहत मिलना निश्चित है. जीवन में सफलता का मुख्य कारण कर्म ही है, और कर्म करते हुए ही हम आने वाली कठिनाइयों को कैसे कम कर सकते है, ये ज्योतिषीय अध्यनन से पता चलता है ! नीचे दिए गए ज्योतिषीय उपाय पूरे विश्वास और भक्ति के साथ करने से निश्चित लाभ होगा.
व्यक्तित्व
  1.  राशि, लग्न, नक्षत्र और ग्रहों की कुंडली में स्थिति / युति  के अनुसारकुंडली में ऐसे कई योग है जो आपको चतुर, विद्वान, भाग्यशाली, साहसी, परोपकारी, धार्मिक, सहनशील, किन्तु क्रोधी भी, बनाते है तथा ग्रहों की युति विभिन्न भावों में उपस्थिति, आपसी दृष्टि आदि के कारण  धनवान, उच्च पदविदेश-यात्राये दर्शाते  है.

  1. रेवती नक्षत्र में जन्म होने के कारण संभवतः आप साह्सी, लोकप्रिय, सुंदर, धनवान, चतुर, पुत्र-मित्र युक्त, हो सकते है. किन्तु स्त्रियों से सम्मान-पूर्वक व्यवहार करे, माता-पिता-गुरु का आशीर्वाद आपके जीवन को सरल बनायेगा ! रेवती-नक्षत्र का स्वामी बुध-ग्रह है और इसका स्वभाव सात्विक है, यह छोटा-मूल- नक्षत्र है अतः जन्म के समय (जन्म के 27 दिन बाद) मूल- शांति की पूजा की जाती है. आपकी कुंडली में बुध अशुभ है अतः गणेश जी की पूजा लाभ देगी !

  1. पूर्णिमा में जन्म होने के कारण आप संकल्प पूरा करने के इच्छुक , सकारात्मक, धार्मिक, और परेशानियों से लड़ने में सक्षम हो सकते है !
  2. आपका  लग्न और राशि दोनों मीन है अतः आप लंबाई में औसत, कल्पनाशील, ईमानदार, उदार और दानी हो सकते है. मीन-राशि द्विस्वभाव राशि है अर्थात व्यक्ति निर्णय लेने में कभी कभी देर भी करते है, बार बार हां या ना की असमंजस स्थिति हो सकती है. अपने खान-पान को संतुलित रखना होगा वरना मोटापा हो सकता है. मीन लग्न आपको, नाट्य-कला, संगीत, कविता आदि में भी रूचि लेने वाला बनाता है. आप धनवान तो है किन्तु धन-संचय के लिए विशेष प्रयोजन आवश्यक होंगे मीन राशि वायु तत्व की राशि है, जिसका शरीर के पावो पर अधिकार होता है. सुर्य और मंगल इस राशि से मित्रता रखते है, और इस राशि के अन्य ग्रह भी सम है अर्थात कोई भी ग्रह शत्रु नही है.
  3. कुंडली में मंगल और शनि का राशि-परिवर्तन शुभ है. मंगल और शनि का राशि-परिवर्तन भी सह्मती या समहर्ता योग कहलाता है जो शुभ योग है और किसी संस्था में उच्च पद दिलवाने में मदद करेगा !
  4. सप्तम-याने पत्नी-स्थान पर चन्द्र की दृष्टि है अर्थात पत्नी सुंदर और शिक्षित होगी, किन्तु राहु की भी सीधी दृष्टि है अतः विवाह कुंडली-मिलान के बाद ही उचित है तथा भेली-विवाह भी करवाना उचित होगा, जो द्वि-भार्या दुर्योग को रोकेगा !
  5. पाश-योग - राहु-केतु को छोड़कर जब सात ग्रह किन्ही पाँच राशियों में स्थित होते है तो यह योग होता है. यह शुभ योग है तथा जातक को धनवान, सुशील और विचारक बनाता है.
  6. चन्द्र के एक भाव पहले शुभ-ग्रह गुरु है जो शुभ-अनफा योग बना रहा है. यह योग जातक को ज्ञानी और लेखक बना सकता है किन्तु कभी कभी जीवन में संघर्ष भी देता है. नव्मांश में मंगल और गुरु की शुभ युति आपको धनी और संगीत प्रिय बनाती है और आप समाज में आगे मान-सम्मान पा सकते है
  7. कुंडली में 6,7 और 8 भावों में यदि शुभ ग्रह हो तो शुभ अधियोग भी होता है. इस कुंडली में 8th  भाव में शुक्र और बुध है, और गुरु की दृष्टि भी है, अतः यहा इस योग का कुछ फल अवश्य मिलेगा. सूर्य भी साथ में है नीच का, किन्तु सूर्य को अषट्मस्थ होने का दोष नही लगता है.
  8. लग्नेश गुरु है अतः भोजन और नीँद का शौक हो सकता है. मोटापा होने से बचे. धनेश मंगल बहुत शुभ है. लाभ स्थान पर भी है, अतः, मंगलवार का उपवास और हनुमान जी की पूजा बहुत फलदायक रहेगी. आपको आपकी 28 वर्ष की उम्र के बाद धन-लाभ ज्यादा हुआ होगा. भाई से स्नेह् बना कर रखे, शादी के बाद, मकान,भूमि, वाहन आदि  का लाभ मिल सकेगा. पंचम भाव का स्वामी चन्द्रमा है अतः स्त्री-संतान भाग्य-शाली होगी. 6th भाव का स्वामी सूर्य है अतः, पिता का सम्मान करे, पारिवारिक विवादों से बचे. अष्टम स्थान का स्वामी शुक्र है अतः योंन रोगों से सावधान रहे , स्त्री से दूरी बनाए रखे. बुध भी  अष्टम स्थान पर है और चौथे भाव का स्वामी भी है अतः, वाहन आदि परिवहन के समय सतर्क रहना चाहियेदशमेश भी गुरु है अतः, पिता की सलाह और बड़े भाइयो के साथ व्यवसाय लाभदायक होगा !
  9. कुंडली के अशुभ ग्रहों के कारण / अशुभ दृष्टि और अशुभ योगों के कारण होने वाली अशुभता से बचने के लिए निम्न उपाय बहुत लाभदायक रहेंगे ---

(1) कुंडली-मिलान के बाद विवाह करना चाहिये. विवाह के पहले शुभ-मुहुर्त में भेली-विवाह भी करवाना चाहिये.
(2)- मंगलवार का उपवास और हनुमान जी ताउम्र पूजा करे तो लाभ होगा, स्त्रीयो और अवैध धन कमाने से बचे.
(3)- शादी के बाद किन्तु संतान उत्पति के पहले नाग-नागिन के जोड़े शिव-मन्दिर में अर्पित करना चाहिये, ( सात सोमवार तक, हर सोमवार बिना GAP दिए ) श्रावण के महीने में करे तो अतिउतम !! शिव पूजा और नवग्रह पूजा को अपनी रोज़ की पूजा में शामिल करे
(4) अमावस्या और पूर्णिमा को चावल की खीर रात्रि में गाय को खिला दे. ऐसा सात बार करे फिर बंद कर सकते है.
  1. आपकी लग्न कुंडली में चन्द्र को छोड़कर सभी शुभा-शुभ ग्रह केन्द्र स्थान के बाहर है, इसके अलावा 3 ग्रह ( सूर्य, बुध और शुक्र ) अशुभ स्थान अष्टम भाव में बैठे है. गुरु जो बहुत ही शुभ ग्रह होता है, 12 वे भाव में है और शास्त्रो के अनुसार अशुभ ही है. ऐसी स्थिति में हम नवग्रह मंत्र से नवग्रह-पूजा की सलाह देते है.
  2. इसके अलावा ये स्थिति शारीरिक और मानसिक रोगों से बचाव के लिए भी आपको सावधान करती है. रोगों में मुख्य रुप से नेत्र-रोग, विधुत , अग्नि भय (सूर्य से ) श्वास रोग, किडनी, गुप्तांगों के रोग, चर्म-रोग,  ( बुध और शुक्र से ) आदि से सावधान रहना चाहिये.
बुध चतुर्थेश और सप्त्मेश दोनों है अतः बुध के उपाय से माँ का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और
पत्नी का भी.
बुध का उपाय - बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा, और गाय को हरा चारा खाने को दे, हरी मूँग दाल गरीब को दान करे.
  1. अभी आपकी उम्र के अनुसार कुंडली में बताये गए बहुत सारे गुण, आने वाले समय में परिपक्व होने के बाद विकसित होंगे. ग्रहों के जाग्रत होने का समय अलग अलग उम्र के अनुसार होता है तथा गोचर में विचरण कर रहे ग्रहों का शुभाशुभ फल भी आने वाले समय में ही मिल पाता है!
  2. वर्तमान महादशा और अंतेर्दशा को देखते हुए स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिये, विवादों से दूर् रहे, अनावश्यक क्रोध को टाले और ईश्वर में आस्था का पूर्ण लाभ ले.



जीवन में सरलता लाने हेतु निम्न बातों का ध्यान रखना लाभ-दायक रहेगा !
ये सलाह सभी के लिए है
  1. --(1) मंत्रओम वर् वरदाय विजय गणपत्ये नमः” की रोज़ एक माला- जाप आपको रोग और शत्रुओं से दूर् रखेगा. यह सिद्ध उपाय है.
(2) सुबह उठकर 3 बार गायत्री मंत्र का जाप करें फिर बिस्तर छोड़े.
(3)- तनाव से दूर् रहे, केवल वर्तमान का सोचे भूत को भुलाना चाहिये और भविष्य की कल्पना करना, केवल मन को दुखी करेगा. और लाभ कुछ नही होगा.   
(4) माता-पिता का सम्मान और पितरों को प्रणाम करना लाभ देगा. वाणी और व्यवहार की कुशलता जीवन को सरल बनायेगी और मंत्रों की शक्ति शत्रुओं को मित्र बना सकती है. शत्रु जब मित्र हो जाता है तो ज्यादा लाभ देता है.

  1. ज्योतिषीय- प्रयोग दान आदि के बारे में गुप्तता रखना चाहिये अन्यथा फल कम हो जाता है. ज्योतिषीय-सामान या दान की वस्तु खरीदते समय दुकानदार से मोल-भाव ना करें क्योकि ये लक्ष्मी की चंचलता को प्रभावित करेगा.

अपने जीवन को सरल बनाने के लिए हमे -------अपनी उर्जा को संतुलित करने की जरूरत होती है. यह संतुलन केवल सकारात्मक सोच, विचार और सकारात्मक मानसिकता के द्वारा ही किया जां सकता है. अर्थात परेशानी या समस्या को हम नकारात्मक विचारों के द्वारा ही आकर्षित करते है और हमे वही मिलता है जो हम आकर्षित करते है. इसलिए हमे सब अच्छा-अच्छा ही सोचना है और समस्या आए भी तो सोचते रहिये कि - ये जल्द ही चली जायेगी. खुश रहिये, प्रकृति के पास जाइये, पालतू जानवरों से बात करिये, दान करते रहिये, आपके पास जो है उसके लिए आप प्रकृति को रोज़ धन्यवाद दीजिये, ---------और आप पायेंगे कि आप हर हाल में खुश ही है
असीम शुभ कामनाओं के साथ

यह कुंडली-विश्लेषण, जातक की उपरोक्त जन्म-विवरण और शास्त्रों के अनुसार ग्रहों के स्थिति के अनुसार फल-कथन की अपौरुषेय व्याख्या के आधार पर करने का एक प्रयास है. अलग-अलग  ज्योतिष-विद्वानों की फल-कथन की विधि-व्याख्या या विवरण में भिन्नता,शास्त्रों के मतांतर तथा ज्ञान की असमानता के कारण संभव हो सकता है. पत्रिका-विवेचन में मानव-भूल संभव है,अतःहमे जरूर बताये.
Astrologer Ashutosh
GH-82-SCHEME NO.54, VIJAY NAGAR, INDORE-PIN-452010
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