Wednesday, July 22, 2015

पूजन कर्म में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि - !!!!!!!!

REFERENCE ---------

http://www.transliteral.org/QnA/271/%E0%A4%98%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%8C%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%B0%E0%A4%96%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%87


भगवानधन-दौलत के भूखे नहीं हैं वह तो भक्त की भक्ति-भव के भूखे हैं।

 वह तो जगत के पालनकर्ता हैं। मनुष्य को सदैव उनका ध्यान करते रहना चाहिए। 

स्वछ और आनंदायक स्थान ही भक्ति के लिये काफि है! मंदिर कहीं भी हो, जहां भक्ती हो, वही भगवान है! 
  1. सभी प्रकार की पूजा में चावल विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं। पूजन के लिए ऐसे चावल का उपयोग करना चाहिए जो अखंडित (पूरे चावल) हो यानी टूटे हुए ना हो। चावल चढ़ाने से पहले इन्हें हल्दी से पीला करना बहुत शुभ माना गया है। इसके लिए थोड़े से पानी में हल्दी घोल लें और उस घोल में चावल को डूबोकर पीला किया जा सकता है।
  2. पूजन में पान का पत्ता भी रखना चाहिए। ध्यान रखें पान के पत्ते के साथ इलाइची, लौंग, गुलकंद आदि भी चढ़ाना चाहिए। पूरा बना हुआ पान चढ़ाएंगे तो श्रेष्ठ रहेगा।
  3. पूजन कर्म में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए। ऐसा होने पर पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है।
  4. किसी भी भगवान के पूजन में उनका आवाहन (आमंत्रित करना) करना, ध्यान करना, आसन देना, स्नान करवाना, धूप-दीप जलाना, अक्षत (चावल), कुमकुम, चंदन, पुष्प (फूल), प्रसाद आदि अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
  5. देवी-देवताओं को हार-फूल, पत्तियां आदि अर्पित करने से पहले एक बार साफ पानी से अवश्य धो लेना चाहिए।
  6. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग का रेशमी कपड़ा चढ़ाना चाहिए। माता दुर्गा, सूर्यदेव व श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग का, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए।
  7. किसी भी प्रकार के पूजन में कुल देवता, कुल देवी, घर के वास्तु देवता, ग्राम देवता आदि का ध्यान करना भी आवश्यक है। इन सभी का पूजन भी करना चाहिए।
  8. पूजन में हम जिस आसन पर बैठते हैं, उसे पैरों से इधर-उधर खिसकाना नहीं चाहिए। आसन को हाथों से ही खिसकाना चाहिए।
  9. यदि आप प्रतिदिन घी का एक दीपक भी घर में जलाएंगे तो घर के कई वास्तु दोष भी दूर हो जाएंगे।
  10. सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु, ये पंचदेव कहलाते हैं, इनकी पूजा सभी कार्यों में अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। प्रतिदिन पूजन करते समय इन पंचदेव का ध्यान करना चाहिए। इससे लक्ष्मी कृपा और समृद्धि प्राप्त होती है।
  11. तुलसी के पत्तों को 11 दिनों तक बासी नहीं माना जाता है। इसकी पत्तियों पर हर रोज जल छिड़कर पुन: भगवान को अर्पित किया जा सकता है।
  12. दीपक हमेशा भगवान की प्रतिमा के ठीक सामने लगाना चाहिए। कभी-कभी भगवान की प्रतिमा के सामने दीपक न लगाकर इधर-उधर लगा दिया जाता है, जबकि यह सही नहीं है।
  13. घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती उपयोग किया जाना चाहिए। जबकि तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बत्ती श्रेष्ठ बताई गई है।
  14. पूजन में कभी भी खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए। धार्मिक कार्यों में खंडित सामग्री शुभ नहीं मानी जाती है।
  15. शिवजी को बिल्व पत्र अवश्य चढ़ाएं और किसी भी पूजा में मनोकामना की सफलता के लिए अपनी इच्छा के अनुसार भगवान को दक्षिणा अवश्य चढ़ानी चाहिए, दान करना चाहिए। दक्षिणा अर्पित करते समय अपने दोषों को छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। दोषों को जल्दी से जल्दी छोड़ने पर मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी।
  16. भगवान सूर्य की 7, श्रीगणेश की 3, विष्णुजी की 4 और शिवजी की 3 परिक्रमा करनी चाहिए।
  17.  घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। इन सभी की पूरी जानकारी किसी ब्राह्मण (पंडित) से प्राप्त की जा सकती है। विशेष पूजन पंडित की मदद से ही करवाने चाहिए, ताकि पूजा विधिवत हो सके।
  18. घर में पूजन स्थल के ऊपर कोई कबाड़ या भारी चीज न रखें।
  19. भगवान शिव को हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए और न ही शंख से जल चढ़ाना चाहिए।
  20. पूजन स्थल पर पवित्रता का ध्यान रखें। चप्पल पहनकर कोई मंदिर तक नहीं जाना चाहिए। चमड़े का बेल्ट या पर्स अपने पास रखकर पूजा न करें। पूजन स्थल पर कचरा इत्यादि न जमा हो पाए।


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