Tuesday, August 21, 2012

"हमारे जीवन में जो भी घटना घटती है वह हमारी प्रतिक्रिया मात्र है"


BY SHREE DEO-NARAYAN SHARMA - ON FACE BOOK ( GOOD ARTICLE)

**हमारे जीवन में जो भी दुःख या सुख के क्षण आते हैं उसके लिए हमारा वर्तमान जीवन या हमारा पूर्व जन्म में किये गये हमारे संचित कर्म जिम्मेदार होता है 
**महाभारत की एक घटना मुझे याद आती है जिसमे योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण की उंगली कट जाती है जिसका उपचार बहन द्रौपदी अपने साड़ी के एक हिस्से को काटकर भगवान श्रीकृष्ण की उंगली में बांधकर कर करती है । 
**चीरहरन के दौरान जब द्रौपदी भगवान श्रीकृष्ण को याद करती है तो भगवान श्रीकृष्ण साड़ी की वर्षा करते हैं जिससे द्रौपदी चीरहरन से बच जाती है
**इसका मतलब जो साड़ी का छोटा सा हिस्सा द्रौपदी ने प्रेमस्वरूप भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किया था वही साड़ी विपरीत परिस्थिति में भगवान श्रीकृष्ण ने देकर द्रौपदी की लाज बचाई 
**अगर हम किसी भी प्राणी मात्र की मदद निष्काम रूप से करते हैं तो यही मदद हमे प्रकृति कई गुना अधिक मात्र में वापस कर देती है 
**इसलिए संसार में रहते हुवे यदि हम किसी से घृणा करते हैं तो प्रकृति उसी घृणा को हमें वापस करती है ---लोग हमसे घृणा करना शुरू कर देते हैं 
**इसलिए संसार में रहते हुवे यदि हम किसी पर क्रोध करते हैं तो प्रकृति उसी क्रोध को हमें वापस करती है ---लोग हम पर क्रोध करना शुरू कर देते हैं 
**प्रत्येक क्रिया के बराबर किन्तु ठीक विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है 
**जब चार दोस्त किसी घर में जाते हैं तो जो दोस्त कुत्ते से डरता है ,घर का कुत्ता उसी को काटता है ,क्योंकि कुत्ते के प्रति हमारा डर कुत्ते को सम्प्रेषित हो जाता है ---तो यह है नकारात्मक सोंच का परिणाम 
**अपने घर में ताला लगाकर जब हम बाहर घुमने जाते हैं और डर कर सोंचते हैं कि कंही हमारे घर में चोरी न हो जाये ---तो हम अपने शहर के चोरो को एक प्रकार का आमंत्रण देते रहते हैं कि चोरों आवो मेरे घर में अभी कोई नही है ,और चोर उसी घर में चोरी करते हैं ----तो यह है नकारात्मक सोंच का परिणाम 
**इसलिए वास्तु शास्त्र की अपनी नकारात्मक /सकारात्मक उर्जा के साथ ही साथ हमारी अपनी नकारात्मक /सकारात्मक उर्जा से हम अपने भविष्य की आधारशिला रखते हैं 
**इसलिए सुंदर भविष्य के लिए आइये आज से ही हम सकारात्मक विचारों को अपने अंदर पल्लवित ,पोषित करें 
**अगर आप नकारात्मक विचारों से परेशान हैं तो ध्यान का अभ्यास आज से शुरू कर दें ,ध्यान का अभ्यास आपके नकारात्मक विचारों को धीरे धीरे आपके अंतर्मन से बाहर निकालने में मदद करेगा !

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Wednesday, August 1, 2012

ज्योतिष विचार

By - Shree Ashu Bahuguna on FACEBOOK


वेदों के सर्वांगीण अनुशीलन के लिये शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द और ज्योतिष- इन ६ अंगों के ग्रन्थ हैं। प्रतिपदसूत्र, अनुपद, छन्दोभाषा (प्रातिशाख्य), धर्मशास्त्र, न्याय तथा वैशेषिक- ये ६ उपांग ग्रन्थ भी उपलब्ध है। आयुर्वेद, धनुर्वेद, गान्धर्ववेद तथा स्थापत्यवेद- ये क्रमशः चारों वेदों के उपवेद कात्यायन ने बतलाये हैं।
विज्ञान जहां समाप्त होता है, वहां से ज्योतिष शुरू होता है, यह वेद सम्मत विज्ञान है। ज्योतिष लोगों को अंधविश्वास की ओर नहीं ले जाता, बल्कि लोगों को जागरूक करता है। 
वेद का छठा अंग ज्योतिष है , सूर्य-चंद्रमा ही पिता और माता है ।

ज्योतिष समय का विज्ञान है, इसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और कर्म इन पांच चीजों का अध्ययन कर भविष्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी दी जाती है। यह किसी जाति या धर्म को नहीं मानता। वेद भगवान भी ज्योतिष के बिना नहीं चलते।
वेद के छः अंग हैं, जिसमें छठा अंग ज्योतिष है। हमने पूर्व जन्म में क्या किया और वर्तमान में क्या कर रहे हैं, इसके आधार पर भविष्य में क्या परिणाम हो सकते हैं, इसकी जानकारी ज्योतिष के द्वारा दी जाती है।

ग्रहों से ही सब कुछ संचालित होते हैं। इसी से ऋतुएं भी बनती हैं। सूर्य पृथ्वी से दूर गया तो ठंड का मौसम आ गया और पास आने पर गर्मी बढ़ गई।
सूर्य आत्मा के रूप में विराजमान हैं, परिवार में इसे पिता का स्थान प्राप्त है। इसी तरह चंद्रमा मन पर विराजमान रहता है, परिवार में इसे मां का दर्जा प्राप्त है। इसलिए जिस व्यक्ति ने मां-पिता का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया समझो वह सूर्य और चंद्रमा का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया। मंगल शरीर की ऊर्जा है, शरीर में पर्याप्त ऊर्जा है तो आपकी सक्रियता दिखेगी। जिस व्यक्ति के मन में ईर्ष्या नहीं है समझिए, उसका बुध मजबूत है, उसे बुध का आर्शीवाद प्राप्त है। इसी तरह शुक्र परिवार में पत्नी की तरह और शरीर में शुक्राणु के रूप में मौजूद रहता है। जिस व्यक्ति का स्नायु तंत्र कमजोर है, नसें कमजोर हैं, स्पाईन का दर्द है समझो उसके ऊपर शनिदेव का प्रकोप है।



इस प्रकार हम कह सकते है कि ज्योतिष कि सही गणना व ग्रहचाल के अध्य़यन के द्वारा किसी भी जातक की काफी हद तक सही भविष्यवानी की जा सकती है.