Friday, July 20, 2012

देवताओ को चढ़ाये जाने वाले फूलो का महत्त्व -

BY SHREE SUBHASH MALHOTRA ON FACE BOOK


पुष्प चढाने से देवी देवता प्रसन्न होते है किसी भी देवता पर कभी भी जमीन पर गिरे हुए, कटे हुए, फटे हुए , गंदे , कीड़े लगे , दुसरो से मांगे या कही से चुराए हुए पुष्प नहीं चढाने चाहिए, अर्थार्त जो शोभा देती है वह माला है भगवन को जो पुष्पों की माला चढ़ाई जाती है उनमे कमल अथवा पुंडरिक की माला को सर्वशेष्ट कहा गया है. अपने आराध्य देव के लिए कौन सा पुष्प चढ़ाना चाहिए और कौन सा पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए



श्री गणेश जी : आचार भूषण नमक ग्रन्थ अनुशार गणेश जी को तुलसी दल को छोड़कर सभी प्रकार के पुष्प प्रिय है

श्री शंकर जी : इनके पूजन में मौलसरी के पुष्प, धतूरे के पुष्प, हर्शिंगर व् नागकेसर के सफ़ेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, निर्गुणी कन्नेर, जावा कुसुम , आक का पुष्प , कुश आदि के पुष्प चढाने का विशेष महत्त्व है

श्री सूर्यनारायण जी : इनकी उपासना कुटज के पुष्पों से की जाती है इसके अलावा कनेर , कमल, चंपा मौलसरी , पलाश, आक , अशोक आदि के पुष्प भी चढ़ाये जाते है इन पर तगर का पुष्प नहीं चढ़ाया जाता है

माता भगवती गौरी : शंकर भगवन को चढ़ाये जाने वाले पुष्प माँ भगवती को प्रिय है इसके अलावा अपामार्ग , बेला, मदर, सफ़ेद कमल पलाश, चंपा , चमेली आदि पुष्प भी चढ़ाये जाते है, कुछ ग्रंथो में आक और मदार के पुष्प चढ़ाना मना किया गया है अत: अन्य पुष्पों के आभाव में ही इनका उपयोग करे

श्री कन्हैया जी : अपने प्रिय पुष्पों का उल्लेख महाभारत में उधिष्तर से कहते है है राजन मुझे कुमुद , कखरी , चणक मालती , नंदिक पलास और वनमाला के पुष्प प्रिय है

माँ लक्ष्मी : इनका सबसे अधिक प्रिय पुष्प कमल है

विष्णु जी : इन्हें कमल , मौलसरी , जूही , कदम्ब , केवड़ा , चमेली , अशोक ,मालती , बासंती , चंपा , वजयनती के पुष्प विशेष प्रिय है

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए वास्तु उपाय .....


BY PT. SHREE ASHU BAHUGUNA ON FACE BOOK-




यूं तो किसी को किस्मत से ज्यादा नहीं मिलता लेकिन कई बार अनेक बाधाओं के कारण किस्मत में लिखी धन-समृद्धि भी प्राप्त नहीं होती। वास्तु को मानने वाले अगर इसके मुताबिक काम करें तो उन्हें वो मिल सकता है जो अब तक नहीं मिला है।
- पूर्व दिशा : यहां घर की संपत्ति और तिजोरी रखना बहुत शुभ होता है और उसमें बढ़ोतरी होती रहती है।
- पश्चिम दिशा : यहां धन-संपत्ति और आभूषण रखे जाएं तो साधारण ही शुभता का लाभ मिलता है। परंतु घर का मुखिया अपने स्त्री-पुरुष मित्रों का सहयोग होने के बाद भी बड़ी कठिनाई के साथ धन कमा पाता है।
- उत्तर दिशा : घर की इस दिशा में कैश व आभूषण जिस अलमारी में रखते हैं, वह अलमारी भवन की उत्तर दिशा के कमरे में दक्षिण की दीवार से लगाकर रखना चाहिए। इस प्रकार रखने से अलमारी उत्तर दिशा की ओर खुलेगी, उसमें रखे गए पैसे और आभूषण में हमेशा वृद्धि होती रहेगी।
लक्ष्मी प्राप्ति उपाय
- दक्षिण दिशा : इस दिशा में धन, सोना, चाँदी और आभूषण रखने से नुकसान तो नहीं होता परंतु बढ़ोत्तरी भी विशेष नहीं होती है।
- ईशान कोण : यहां पैसा, धन और आभूषण रखे जाएं तो यह दर्शाता है कि घर का मुखिया बुद्धिमान है और यदि यह उत्तर ईशान में रखे हों तो घर की एक कन्या संतान और यदि पूर्व ईशान में रखे हों तो एक पुत्र संतान बहुत बुद्धिमान और प्रसिद्ध होता है।
- आग्नेय कोण : यहां धन रखने से धन घटता है, क्योंकि घर के मुखिया की आमदनी घर के खर्चे से कम होने के कारण कर्ज की स्थिति बनी रहती है।
- नैऋत्य कोण : यहां धन, महंगा सामान और आभूषण रखे जाएं तो वह टिकते जरूर है, किंतु एक बात अवश्य रहती है कि यह धन और सामान गलत ढंग से कमाया हुआ होता है।
- वायव्य कोण : यहां धन रखा हो तो खर्च जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल होता है। ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा गड़बड़ाया रहता है और कर्जदारों से सताया जाता है।
- सीढ़ियों के नीचे तिजोरी रखना शुभ नहीं होता है। सीढ़ियों या टायलेट के सामने भी तिजोरी नहीं रखना चाहिए। तिजोरी वाले कमरे में कबाड़ या मकड़ी के जाले होने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
- घर की तिजोरी के पल्ले पर बैठी हुई लक्ष्मीजी की तस्वीर जिसमें दो हाथी सूंड उठाए नजर आते हैं, लगाना बड़ा शुभ होता है। तिजोरी वाले कमरे का रंग क्रीम या ऑफ व्हाइट रखना चाहिए।