Monday, February 20, 2012

त्रयोदशी व चतुदर्शी का बहुत शुभ व फलदायी विलक्षण संयोग

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BY MR. MANISH JAIN- ON FACE BOOK -


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ज्योतिषीय दृष्टि से चतुदर्शी (1+4) अपने आप में बड़ी ही महत्वपूर्ण तिथि है। इस तिथि के देवता भगवान शिव हैं। जिसका योग 5 हुआ अर्थात्‌ पूर्णा तिथि बनती है, साथ ही कालपुरुष की कुण्डली में पांचवां भाव भक्ति का माना गया है। 

इस व्रत में रात्रि जागरण व पूजन का बड़ा ही महत्व है। 

इसके पश्चात्‌ सुगंधित पुष्प, गंध, चंदन, बिल्वपत्र, धतूरा, धूप-दीप, भांग, नैवेद्य आदि द्वारा रात्रि के चारों पहर में पूजा करनी चाहिए। 

श्रद्धा व विश्वासपूर्वक किसी शिवालय में या फिर अपने ही घर में उपरोक्त सामग्री द्वारा पार्थिव पूजन करना चाहिए। यह पूजन प्रत्येक पहर में करने का महत्व है। पूजन के समय 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का जप करना चाहिए। 

हे देवों के देव!
हे महादेव!
हे नीलकण्ठ!
हे विश्वनाथ!
हे आदिदेव!
हे उमानाथ!
हे काशीपति! आप हमारे हर विघ्नों का नाश करें!!! 

इस व्रत में त्रयोदशी-चतुर्दशी तिथि साथ मानी जाती है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव इस ब्रह्मांड के संहारक व तमोगुण से युक्त हैं। जो महाप्रलय की बेला में तांडव नृत्य करते हुए अपने तीसरे नेत्र से ब्रह्मांड को भस्म कर देते हैं। जो कालों के भी काल यानी महाकाल हैं। जहां सभी काल (समय) या मृत्यु ठहर जाते हैं। संपूर्ण ब्रह्मांड की गति वहीं स्थित या समाप्त हो जाती है। 

रात्रि की प्रकृति भी तमोगुणी है, इसीलिए इस पर्व को रात्रि-काल में मनाया जाता है। इसी प्रकार मास शिवरात्रि का व्रत भी है जो चैत्रादि सभी महीनों की कृष्ण चतुर्दशी को किया जाता है। इस व्रत में रात्रि तक रहने वाली चतुर्दशी तिथि का बड़ा ही महत्व है। 

अतः त्रयोदशी व चतुदर्शी का विलक्षण संयोग बहुत शुभ व फलदायी माना जाता है। यदि आप मासिक शिवरात्रि व्रत रखना चाह रहें हैं तो इसका शुभारंभ दीपावली या मार्गशीर्ष मास से करें तो शुभ रहता है।

शिवरात्रि के दिन पूजा -राशि अनुसार

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BY - Astrologer... Rajesh Nayak..mobile no 09835434568...08809738768 ON FACE BOOK

जानें इस शिवरात्रि पर हर मन्नत पूरी करने के लिए किस राशि के लोग क्या करें? किस्मत चमकाने के लिए आपको अपनी राशि अनुसार शिव पूजा करनी चाहिए? ऐसी पूजा शिवरात्रि के दिन होती है जिसमें राशि अनुसार भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।

महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर रूद्रभिषेक का बहुत महत्व माना गया है एवं इस पर्व पर रूद्रभिषेक करने से सभी रोग और दोष समाप्त हो जाते हैं। इस शिवरात्रि पर अगर आप अपनी राशि के अनुसार रूद्रभिषेक करें तो आपको विशेष फल प्राप्त होगा।

मेष- इस राशि के व्यक्ति जल में गुड़ मिलाकर शिव का अभिषेक करें। या कुमकुम के जल से अभिषेक करें।

वृष- इस राशि के लोगों के लिए दही से शिव का अभिषेक शुभ फल देता है। 

मिथुन- इस राशि का व्यक्ति गन्ने के रस से शिव अभिषेक करें तो जल्दी ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
कर्क- इस राशि के शिवभक्त अपनी राशि के अनुसार घी या दूध से अभिषेक करें। 

सिंह- सिंह राशि के व्यक्ति लाल चंदन के जल से शिव जी का अभिषेक करें।

कन्या- इस राशि के व्यक्तियों को अपने अनुसार अनेक तरह की औषधियों से अभिषेक करनl चाहिए इससे आपके सभी रोग खत्म हो जाएंगे।

तुला- इस राशि के जातक घी और इत्र या सुगंधित तेल से शिव का अभिषेक करें


वृश्चिक- शहद से शिव जी का अभिषेक वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शीघ्र फल देने वाला माना जाता है। 

धनु- इस राशि के जातकों को दूध में हल्दी मिलाकर शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। 

मकर- आप अपनी राशि के अनुसार तिल्ली के तेल से शिव जी का अभिषेक करें तो आपको हर काम में सफलता मिलेगी। 

कुंभ- इस राशि के व्यक्तियों को नारियल के पानी या सरसों के तेल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए।

मीन- इस राशि के जातक दूध में केशर मिलाकर शिव जी का अभिषेक करें।