Saturday, October 18, 2014

वासुकि नाग-पूजा




"वासुकि नाग-पूजा"


अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम !

शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं च कालियं तथा !!

एतानि नव नामानि नागानां च महत्मानाम !

सांयकाले पठेनित्यम प्रातः विशेषत: !!

तस्य विष भयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् !

सर्व कार्य फल प्राप्ति प्रचछन्नम च धनं लभेत !!

ॐ नमोअस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वी !

म्न्वन्त्रिक्षे ये दिवि तेभ्यः वासुकाद्यष्ट कुल नागेभ्योः नमः !!
 


सभी वैज्ञानिकों के द्वारा और ऋषि मुनियों के द्वारा भी कहा जाता है 

की सर्प इस पृथ्वी पर सभी जगह मिलते हैं ! ये आज हजारों की संख्या

 में अलग अलग प्रजातियों के हैं किन्तु मूलतः इनकी उपरोक्त नौ 

प्रजातियाँ ही हैं और इन्हें महात्मा का स्थान भी प्राप्त है ! इनका 

स्मरण दोनों संध्याओं पर करने से व्यक्ति को कभी विष का भय नहीं 

होता , सभी जगह विजय-श्री भी प्राप्त होती है और पृथ्वी के नीचे रहने

के कारण या गढ़े खजाने पर यक्ष बन बैठने के कारण इनके प्रसन्न 

होने पर साधक को ये प्रसन्न हो खजाना भी दे देते है ! 

राहू की दशा में जैसे लाटरी का लगना आदि !





"गोमती चक्र"

"गोमती चक्र"


१)गोमती चक्र को रोगी  के बिस्तर पर रखने से जल्दी अच्छा होता हे ..

२)रविवार के दिन थोडा सिंदूर गोमती चक्र पर लगा के शत्रु का नाम लेकर नदी या तालाब में 

डालने से शत्रु पर प्रभाव रहेता हे, कोर्ट -कचहरी में सफलता मिलती हे 

३)कोई भी काम क पूरा करने के लिये एक गोमती चक्र घर के दरवाजे की चोखट पे रखे उस को 

बाए पैर के निचे दबाके दाए पैर से बहार आने से काम में सफलता मिलती हे 

४)एक गोमती चक्र को शुभ दिन गंगा जल में रखिये थोड़े समय बाद उस पर केसर लगाये और 

अगरबत्ती का धुप देकर आलमारी में रखने से आर्थिक संकट  दूर होता  हे 

५)सुफला एकादशी की रात को पांच गोमती चक्र की पूजा करके उस पर केसर का तिलक कर के 

साथ में शालिंग्राम की भी पूजा करने से धन लंबे समय तक टिकता हे 

६)जिस वास्तु में अशुभ तत्व और भुत /प्रेत का वास हो या ऐसा शक हो तो दो गोमती चक्र,

 घर के बड़े व्यक्ति के सिर पर से सात बार उतार के उस को अग्नि में डाल दीजिए 

७)जिस वास्तु में बीमारी घर कर गई हो अनेक दवाई लेने से भी बीमारी दूर ना होती हो तो एक

 गोमती चक्र शुध्ध चांदी में बना के पेशन्ट के गले में बाँध ने से अच्छा रहेता हे 

८)दो गोमती चक्र मुख्य द्वार पर ऐसे लगाये की ग्राहक उसके नीचे से होकर अंदर आए, 

व्यवसाय में सफलता मिलेगी 

09)कोई विद्वान ब्राह्मण को दो गोमती चक्र देने से मान -सन्मान बढ़ता हे