Monday, June 13, 2016

“नमामि गंगे -श्रीगंगा-दशहरा -14 जून 2016

“गंग सकल मुद मंगल मूला | सब सुख करनि हरनि सब सूला”
श्रीगंगा-दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं !


“नमामि गंगे तव पादपंकजं सुरासुरैर्वन्दितदिव्यरूपम् ।
भुक्तिं च मुक्तिं च ददासि नित्यं भावानुसारेण सदा नराणाम् ।।“


(हे  मातु गंगे ! आप, मनुष्यों को उनके भावानुसार भुक्ति और मुक्ति प्रदान  करती हैं | मैं, देवताओं और राक्षसों से वन्दित आपके दिव्य चरण कमलों को नमस्कार करता हूँ) |

गंगाजी देव नदी हैं, वे मनुष्यमात्र के कल्याण के लिए धरती पर आईं, धरती पर इनका अवतरण ज्येष्ठ शुक्लपक्ष की दशमी को हुआ | अत: यह तिथि उनके नाम पर गंगा दशहरा के नाम से प्रसिद्ध  हुई |
ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। 

इस वर्ष गंगा दशहरा 14 जून 2016 के दिन मनाया जाएगा। स्कंदपुराण के अनुसार गंगा दशहरे के दिन व्यक्ति को किसी भी पवित्र नदी पर जाकर स्नान, ध्यान तथा दान करना चाहिए. इससे वह अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है। यदि कोई मनुष्य पवित्र नदी तक नहीं जा पाता तब वह अपने घर पास की किसी नदी पर स्नान करें।ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को संवत्सर का मुख कहा गया है, इसलिए  इस दिन दान और स्नान का ही अत्यधिक महत्व है। 

वराह पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी, बुधवार के दिन, हस्त नक्षत्र में गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी। इस पवित्र नदी में स्नान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट होते है।

नारद पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास को  शुक्ल पक्ष में दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में जाह्नवी (मां गंगा) का मृत्युलोक में अवतरण हुआ। इस दिन वह आद्यगंगा स्नान करने पर दस गुने पाप हर लेती हैं। 

ज्येष्ठे मासि क्षितिसुतदिने शुक्लपक्षे दशम्यां हस्ते शैलादवतरदसौ जाह्नवी मृत्युलोकम्। पापान्यस्यां हरति हि तिथै सा दशैषाद्यगंगा पुण्यं दद्यादपि शतगुणं वाजिमेधक्रतोश्च।

इस बार भी गंगा दशहरा पर मंगलवार हस्त नक्षत्र व संक्रांति होने के कारण यह दिन विशेष बन गया है। अत: जानकारों के अनुसार इस दिन गंगा स्नान जरूर करें !!

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