Tuesday, February 1, 2011

Gomad (Zircon) - A Stone for Rahu planet


Zircon -  (गोमेद)

हिन्दी नाम - गोमेद
अंग्रेजी नाम - Zircon
उपयुक्त ग्रह-  राहु
उपयुक्त दिन- शनिवार
उपयुक्त अंगुली -  मध्यमा
उपयुक्त धातु- पंचधातु और चांदी
उपयुक्त वजन- ज्योतिष सलाह के अनुसार
उपयुक्त मंत्र-         ऊँ रां राहुवे नमः


1- गोमेद मुखय रुप से राहु ग्रह का रत्न है। राहु ग्रह को शुभ बनाने के लिये चांदी की अंगुठी में गोमेद मध्यमा उंगली में पहना जाता है।

2- गोमेद हरे, काले रंग का सफेद धारियों वाला रत्न होता है। किन्तु सफेद या भूरे रंग का  (सूखे पत्ते के रंग के जैसा) भी मिलता है।

3- गोमेद मुखय रुप से गहरे, भूरे व आसमानी रंग का अपारर्दशी रत्न होता है। शुद्ध व श्रेष्ठ गोमेद चमकदार , सुन्दर और चिकना होता है।



4- बेरंगी, धब्बेवाला, लाल रंग लिये हुए जालों वाला सफेद बिंदु वाला या दो रंग का गोमेद अशुभ होता है।

5- गोमेद के साथ माणिक, मूंगा, मोती और पीला पुखराज कभी धारण नहीं करना चाहिए।

6- गोमेद की भस्म बल व बुद्धि बढाती हैं। मिरगी, बवासीर, और वायु प्रकोप में गोमेद की भस्म दूध में लेने से लाभ होता है।

7- रत्नों से रोग उपचार करने के पहले उचित जानकार वैद्य या ज्योतिष ये सलाह ले लेना चाहिए.



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Cat's Eye - Precious Stone for Ketu Planet


Cat's Eye - लहसुनिया/वैदुर्य

हिन्दी नाम - लहसुनिया/वैदुर्य
अंग्रेजी नाम - Cat's Eye
उपयुक्त ग्रह  - केतु
उपयुक्त दिन - शनिवार
उपयुक्त अंगुली- मध्यमा
उपयुक्त धातु - पंचधातु और चांदी
उपयुक्त वजन - ज्योतिष सलाह के अनुसार
उपयुक्त मंत्र -  ऊँ कें केतवे नमः


1-लहसुनिया मुखय रुप से केतु ग्रह का रत्न है। केतु ग्रह को शुभ बनाने के लिये चांदी की अंगुठी में लहसुनिया मध्यमा उंगली में पहना जाता है।

2- लहसुनिया मुखय रुप से हरे, काले रंग का सफेद धारियों वाला रत्न होता है। किन्तु सफेद या भूरे रंग का  (सूखे पत्ते के रंग के जैसा) लहसुनिया भी मिलता है।

3- लहसुनिया को यदि अंधेर में रख दिया जाए तो इसमें से हल्का प्रकाश निकलता दिखाई देता है।

4- बहुत अधिक सफेद धारियों वाला लहसुनिया अशुभ होता है। अच्छे रत्न में एक या दो सफेद धारी ही पायी जाती है। सफेद धब्बों वाला, खुरदुरा, रत्न नहीं लेना चाहिए।

5- लहसुनिया के साथ माणिक, मूंगा, मोती व पीला पुखराज नहीं पहनना चाहिए।

6- घी में लहसुनिया मिलाकर खाने से पौरुष शक्ति बढती है। लहसुनिया धारण करने अजीर्ण, मधुमेह आदि रोगों में लाभ मिलता है।

7- पीतल व लहसुनिया की भस्म को खाने से आंखों के रोग दूर हो जाते है।

8- रत्नों से रोग उपचार करने के पहले उचित जानकार वैद्य या ज्योतिष ये सलाह ले लेना चाहिए.

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Blue Sapphire (Neelam) Precious Stone for Shani


नीलम ( Blue Sapphire )

हिन्दी नाम - नीलम 
अंग्रेजी नाम - Blue Sapphire  
उपयुक्त ग्रह -         शनि 
उपयुक्त दिन - शनिवार 
उपयुक्त अंगुली -      कनिष्का 
उपयुक्त रंग-         नीला 
उपयुक्त धातु-      पंचधातु और चांदी 
उपयुक्त वजन - ज्योतिष सलाह के अनुसार 
उपयुक्त मंत्र -      ऊँ शं शनेश्चराय नमः


१. नीलम शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है तथा अन्य रत्नों की अपेक्षा इसका प्रभाव तुरंत होता है।
२. नीलम पहनने के बाद यदि चौबीस घंटे के अंदर कुछ अशुभ  घटना हो जाये, तो रत्न को तुरंत उतार देना चाहिए। 
३. यदि शनि ग्रह  जन्म पत्रिका में शुभ स्थिति में हो, तो नीलम लाभदायक रहता है। 
४. नीलम एक खनिज रत्न हैं तथा पत्थर की कुरुंदम श्रेणी का रत्न माना जाता है। 
५. असली नीलम दिखने में सुंदर, पारदर्शी नीला रंग लिये होता है। नीलम को सफेद कपडे पर रखने के बाद उसके आस - पास नीले रंग की किरणें फैल जाती है। 

६. इसके अलावा दूध में या पानी में रखने पर भी नीले रंग की किरणें असली नीलम में दिखाई देती है। 
७. धब्बेदार, दरार वाला, गड्‌ढे वाला, धुंधला, बहुत अधिक जालों वाला नीलम अशुभ  होता है।
८. यदि नीलम पहना हैं तो माणिक, पुखराज, मोती या मूंगा नही ंपहनना चाहिए। 
९. असली नीलम एक बहुमूल्य रत्न हैं तथा इसकी कीमत अन्य रत्नों की अपेक्षा अधिक होती हैं। अतः यदि नीलम नहीं खरीद सकतें हों, तो नीलम का उपरत्न ''नीली '' या कटैला (Amethyst) या लाजावर्त (Lapis Lazuli) को भी पहना जा सकता है। 
१०. नीलम शनि ग्रह को शुभ करने के अलावा कई रोगो में लाभदायक होता है। जैसे :- कफ, पित्त, वायु रोग, आंखों के रोग, खांसी, रक्त विकार आदि रोगों में नीलम की भस्म या पानी का प्रयोग किया जाता है। (रत्नों से रोग उपचार करने के पहले उचित जानकार वैद्य या ज्योतिष ये सलाह ले लेना चाहिए)

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