Tuesday, December 13, 2011

21 नाम- मंगलकारी है मंगल देव -

WRITTEN BY MR VIND GOEL - ASTROLOGER FROM DELHI-


21 नाम- मंगलकारी है मंगल देव -

शास्त्रों में बताया गया है कि ब्रह्मांड में स्थित नवग्रह मानवीय जीवन पर अपना अलग-अलग प्रभाव छोड़ते हैं। इन नवग्रहों में एक है मंगल। मंगल को नवग्रहों का सेनापति भी माना गया है।
अलग-अलग पौराणिक मान्यताओं में मंगल का जन्म भगवान शिव के रक्त, आंसू या तेज से माना गया है। वहीं मंगल का पालन-पोषण पृथ्वी द्वारा किया गया। यही कारण है कि मंगल को भूमिपुत्र भी कहा जाता है। शिव की कृपा से ही मंगल ग्रह के रूप में आकाश में स्थित हुआ।

ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक मंगल क्रूर ग्रह है, किंतु इसका शुभ प्रभाव व्यक्ति का साहस, पराक्रम, ताकत और उदारता को नियत करता है। व्यावहारिक जीवन में विवाह, संतान सुख, यश, कर्ज और रोगों से मुक्ति भी मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव से मिलती है। किंतु मंगल दोष होने पर खून, नेत्र और गले की बीमारियां भी होती है। जीवनसाथी के जीवन पर संकट आता है। वैवाहिक समस्याएं पैदा होती है।भूमि पुत्र होने से मंगल भूमि और भार्या या पत्नी का रक्षक होता है। जिससे इसका नाम भौम हुआ। 

शास्त्रों में मंगल के ऐसे ही मंगलकारी और कल्याणकारी स्वरूप और स्वभाव को उज़ागर करते 21 नाम बताए गए हैं। जिनका ध्यान जगत के लिए संकटमोचक और मंगलकारी बताया गया है -
- मंगल 
- भूमिपुत्र
- ऋणहर्ता
- धनप्रदा
- स्थिरासन
- महाकाय 
- सर्वकामार्थ साधक
- लोहित
- लोहिताक्ष
- सामगानंकृपाकर
- धरात्मज
- कुजा
- भूमिजा
- भूमिनंदन 
- अंगारक 
- भौम
- यम
- सर्वरोगहारक
- वृष्टिकर्ता
- पापहर्ता 
- सर्वकामफलदाता