भवन - निर्माण कब करवाएँ ?
अपना स्वयं का मकान हो, यह हर व्यक्ति की चाह होती है। वास्तु शास्त्र में भवन निर्माण में संबंध में अनेक बातें बताई गई है। कहा गया है कि जब शनिवार, स्वाति नक्षत्र, श्रावण मास, शुभ योग, सिंह लग्न, शुक्ल पक्ष एवं सप्तमी तिथि का योग एकसाथ हो तो उस मुहूर्त में कार्य आरंभ करना सर्वोत्तम है। लेकिन ये सातों योग कभी - कभी ही घटित होते है।
किस माह में निर्माण आरंभ करने से क्या फल प्राप्त होता है, आइए देखते है -
माह फल
चैत्र (मार्च - अप्रैल) तनाव, रोग, पराजय, अवनति।
वैशाख (अप्रैल - मई) आर्थिक लाभ, शुभ
ज्येष्ठ (मई - जून) दारुण कष्ट।
आषाढ (जून - जुलाई) घोर विपत्ति।
श्रावण (जुलाई - अगस्त) परिजनों के लिए शुभ व वृद्धि।
भाद्रपद (अगस्त - सितम्बर) सामान्य, कोई अर्थ लाभ नहीं।
आद्गिवन (सितंबर - अक्टूबर) पारिवारिक कलह, संबंध विच्छेद।
कार्तिक (अक्टूबर - नवंबर) समस्याजनक।
मार्गशीर्ष (नवंबर - दिसंबर) उन्नति, संपन्नता और सुख।
पौष (दिसंबर - जनवरी) संपन्नता लेकिन चोरी का भय
माघ (जनवरी - फरवरी) अनेक लाभ, लेकिन अग्नि भय।
फाल्गुन (फरवरी - मार्च) सर्वोत्तम, सदैव लाभ।
मास सुनिश्चित कर लेने के बाद राशि सूर्य भी देखना चाहिए। यथा -
- मेष - शुभ एवं लाभकारी।
- वृषभ - अति आर्थिक लाभ।
- मिथुन - अनहोनी संभव।
- कर्क - शुभ (प्रभाव) परिणाम।
- सिंह - कार्य निर्विघ्न पूर्ण।
- कन्या - स्वास्थ्य की चिंता।
- तुला - शांति एव ंनिरंतर कार्य।
- वृश्चिक - संपत्ति में वृद्धि
- धनु - हानि संभव।
- मकर - आर्थिक लाभ।
- कुंभ - मूल्यवान आभूषण संग्रह।
- मीन - स्वास्थ्य चिंता।
तिथि - भवन निर्माण में तिथि का भी महत्व है।
कोई भी कार्य प्रतिपदा, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी एवं अमावस्या को कभी प्रारंभ नहीं करना चाहिये।
लग्न - वृषभ, मिथुन, वृश्चिक और कुंभ का सूर्योदय उत्तम फलदायी रहता है।
वार - सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार मान्य एवं अच्छे माने गए है।
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