http://religion.bhaskar.com/article/vastu--keep-these-10-special-precautions-in-the-establishment-and-worship-to-lor-3800522.html
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19 सितंबर, बुधवार को गणेश चतुर्थी है। इस दिन घर-घर भगवान श्रीगणेश की स्थापना की जाती है। हमारे धर्म ग्रंथों में इस संबंध में कई नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों के अनुसार भगवान श्रीगणेश की स्थापना व पूजन प्रतिदिन करें व कुछ सावधानियों को ध्यान रखें तो श्रीगणेश पूजन का मनोवांछित फल मिलता है। यह नियम व सावधानियां इस प्रकार हैं-
- जिस स्थान पर भगवान श्रीगणेश की स्थापना करें उस स्थान को प्रतिदिन साफ करें वहां कचरा इत्यादि न जमा हो पाए।
- भगवान श्रीगणेश की रोज सुबह- शाम आरती करें व दीपक लगाएं। भोग भी दोनों समय लगाएं।
- धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीगणेश को तुलसी न चढ़ाएं। इससे दोष लगता है। भगवान श्रीगणेश को दूर्वा व ताजे फूल चढ़ाएं तो बेहतर रहेगा।
- श्रीगणेश की स्थापना ईशाण कोण में करें। स्थापना इस प्रकार करें कि श्रीगणेश की मूर्ति का मुख पश्चिम की ओर रहे।
- स्थापना स्थल के ऊपर कोई कबाड़ या वजनी चीज न रखें।
- स्थापना स्थल पर पवित्रता का ध्यान रखें जैसे- चप्पल पहनकर कोई स्थापना स्थल तक न जाए, चमड़े का बेल्ट या पर्स रखकर कोई पूजा न करें ।
- स्थापना के बाद श्रीगणेश की प्रतिमा को इधर-उधर न रखें यानी हिलाएं नहीं।
- स्थापना स्थल के समीप बैठकर किसी धर्म ग्रंथ का पाठ रोज करेंगे तो शुभ फल मिलेगा।
चार साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि जब गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार को आ रहा है। धर्म ग्रंथों में बुधवार को भगवान गणेश का दिन माना गया है और इस बार 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत बुधवार से ही हो रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार गणेश चतुर्थी और बुधवार का ये शुभ संयोग सबके लिए सुख-समृद्धिकारक रहेगा।
इस बार 19 सितंबर से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी और 29 सितंबर तक उत्सव की धूम रहेगी। इस वर्ष भादौ का अधिकमास होने से गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे एक महीने देरी से आ रहा है।
इस बार 19 सितंबर से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी और 29 सितंबर तक उत्सव की धूम रहेगी। इस वर्ष भादौ का अधिकमास होने से गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे एक महीने देरी से आ रहा है।
वर्ष 2008 में गणेश चतुर्थी बुधवार को आई थी। अब 2012 में यह संयोग बना है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इसके बाद 2022 में यानी 10 साल बाद बुधवार और गणेश चतुर्थी का संयोग बनेगा।
शुभ फलदायी होगी चतुर्थी
गणेश स्थापना के लिए बुधवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है। गणेशजी रिद्धि-सिद्धि के दाता होकर सबका मंगल करने वाले हैं। ज्योतिषियों के अनुसार ये संयोग शुभ फलदायी होगा।
भद्रा में कर सकेंगे स्थापना
- चतुर्थी 18 सितंबर को रात 11.57 से 19 सितंबर की रात 9.15 बजे तक रहेगी।
- इसी दिन रात 9.27 से 19 सितंबर की शाम 7.29 बजे तक स्वाति नक्षत्र रहेगा।
- भद्रा नक्षत्र 19 सितंबर की सुबह 10.35 बजे से रात 9.15 बजे तक रहेगा।
- लेकिन भद्रा नक्षत्र का प्रभाव गणेश स्थापना पर नहीं पड़ता है। पूरे दिन शुभ मुहूर्त में गणेश स्थापना की जा सकेगी।
शुभ फलदायी होगी चतुर्थी
गणेश स्थापना के लिए बुधवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है। गणेशजी रिद्धि-सिद्धि के दाता होकर सबका मंगल करने वाले हैं। ज्योतिषियों के अनुसार ये संयोग शुभ फलदायी होगा।
भद्रा में कर सकेंगे स्थापना
- चतुर्थी 18 सितंबर को रात 11.57 से 19 सितंबर की रात 9.15 बजे तक रहेगी।
- इसी दिन रात 9.27 से 19 सितंबर की शाम 7.29 बजे तक स्वाति नक्षत्र रहेगा।
- भद्रा नक्षत्र 19 सितंबर की सुबह 10.35 बजे से रात 9.15 बजे तक रहेगा।
- लेकिन भद्रा नक्षत्र का प्रभाव गणेश स्थापना पर नहीं पड़ता है। पूरे दिन शुभ मुहूर्त में गणेश स्थापना की जा सकेगी।