GOOD ARTICLE BY
ASTROLOGER SHREE SURENDRA SINGH RAWAT
ON FACE BOOK
२ परमाणु ==> १ अणु
३ अणु ==> १ त्रसरैणु
३ त्रसरेण ==> १ त्रुटि
१०० त्रुटि ==> १ वेध
३ वेध ==> १ लव
३ लव ==> १ निमेष
३ निमेष ==> १ क्षण
५ क्षण ==> १ काष्ठा
३० काष्ठा ==> १ कला
१५ काष्ठा ==> १ लघु
१५ लघु ==> १ नाणिका
२ नाणिका ==> १ मुहूर्त
३० कला ==> १ मुहूर्त
३० मुहूर्त ==> १ दिनरात ( अहोरात )
७ दिनरात ==> १ सप्ताह
२ सप्ताह ==> १ पक्ष
२ पक्ष ==> १ मास
२ मास ==> १ ऋतु
३ ऋतु ==> १ अयन ( ६ माह )
२ अयन ==> १ वर्ष
कलियुग की अवधि ==> ४,३२,००० वर्ष
द्वापरयुग की अवधि ( कलियुग से दुगनी ) ==> ८,६४,००० वर्ष
त्रेतायुग की अवधि ( कलियुग से तीन गुनी ) ==> १२,९६,००० वर्ष
सतयुग की अव्धि ( कलियुग से चार गुनी ) ==> १७,२८,००० वर्ष
१ चतुयुगी ( चारो युगो का योग ) ==> ४३,२०,००० वर्ष
१ मन्वन्तर ==> ७१ चतुयगी
अर्थात ( १ मन्वन्तर = ७१ x ४३,२०,००० वर्ष ) ==> ३,०६,७२,००० वर्ष
दो मन्व्न्तर के बीच एक सध्याश होता है जो एक सतयुग के बराबर होता है
सन्ध्या ==> १७,२८,००० वर्ष
१ कल्प = १४ मन्वयन्तर व सन्ध्याश के १५ सतयुग के बराबर का योग
अर्थात( १४ x ३,०६,७२,००० वर्ष ) + ( १५ x १७,२८,००० वर्ष )
एक कल्प ==> ४,३२,००,००,००० वर्ष
( ४ अरब ३२ करोड वर्ष )
यह ब्रह्मा का १ दिन ओर उतनी ही अवधि की रात होती है
१ दिन रात ( ४ अरब ३२ करोड वर्ष २ ) ==> ८,६४,००,००,००० वर्ष
ब्रह्मा का १ वर्ष ==> ३१,१०,४०,००,००,००० ( ८,६४,००,००,००० वर्ष x ३६० ) ( ३१ खरब १० अरब ४० करोड वर्ष )
ब्रह्मा का १०० वर्ष ==> विष्णु का एक निमेष ==> ( ३१ खरब १० अरब ४० करोड वष x १०० ) ==> ३१ नील १० अरब ४० अरब वर्ष
विष्णु के १०० वर्ष ==> रुद्र का १ दिन
रुद्र स्वय कालरुप है ओर अन्नत है,
इसलिये कहा जाता है – काल अन्नतान्नत है
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