वेबसाइट के फ्रंट पेज का हिस्सा उत्तर, निचला दक्षिण, दाई
ओर पूर्व तथा बाई ओर पश्चिम माना जाता है।
वेबसाइट के 'फ्रंट पेज' की तुलना भवन के मुखय द्वार या साइन बोर्ड से की जाती है। अतः यह इतना दमदार होना चाहिए कि लोग इसे अवश्य देखें। वेबसाइट के 'ले-आउट' का संबंध भूमि तत्व से है। अतः फ्रंट पेज आयताकार होना चाहिए तथा इसकी लंबाई, चौडाई के दोगुने से अधिक नहीं होना चाहिए। वेबसाइट की विषयवस्तु का संबंध जल तत्व से तथा उसके रंगा का संबंध अग्नि तत्व से होता है। अतः विषयवस्तु प्रवाह में होना चाहिए। 'यूआरएल' या 'डोमेन नेम' का संबंध आकाश तत्व से तथा वेब डिजाइन में प्रयुक्त होने वाली तकनीकों जैसे -'एचटीएमएल' या 'एएसपी' का संबंध वायु तत्व से है। वेबसाइट के फ्रंट पेज का ऊपरी हिस्सा उत्तर, निचला दक्षिण दाई ओर पूर्व तथा बाई ओर पश्चिम माना जाता है। इसके उत्तर - पूर्वी कोने पर हलकी - फुलकी सामग्री डालें तथा इसे ऊर्जावान करने के लिए छोटे 'एनीमेशंस' का उपयोग करें। फ्रंट पेज के दक्षिण - पश्चिम कोने को भारी रखें।
इसके लिए बडे व स्थिर चित्रों का प्रयोग किया जा सकता है। दक्षिण - पूर्वी कोने में चटक रंगो का प्रयोग करें व कंपनी का 'लोगो' उत्तर - पश्चिम कोने में लगाएं। 'लोगो' की आकृति व रंग व्यवसाय के अनुरुप होना चाहिए। उत्तर में विज्ञापनों के 'एनीमेशंस' व दक्षिण में कंपनी का नाम, पता आदि डालें। पश्चिम में विभिन्न पेजों के लिंक व पूर्व में छोटे विज्ञापन लगाएं। केंन्द्रीय भाग में हलकी पाठ्य वस्तु या छोटे - छोटे 'एनीमेशंस' का प्रयोग करें। वेबसाइट का निर्माण करते वक्त यह ध्यान रखें कि कोई नुकीली डिजाइन, कंपनी के नाम आदि को निशाना न बना रहा हो।
अलग - अलग व्यवसायों के लिए वेबसाइट बनाते वक्त कंपनी के 'लोगो' के आकार व विषयवस्तु के रंगों का चुनाव वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुरुप ही करें। भवन निमार्ण, रीयल इस्टेट, आर्किटेक्चर आदि के लिए पीले, भूरे व लाल रंगो का प्रयोग करें। इनका 'लोगो' वर्गाकार या त्रिभुजाकार रखें। बैकिंग, बीमा, ट्रेडिंग, शा पिंग, पर्यटन आदि के लिये काले व नीले रंगो का प्रयोग करें। रेस्टोरेंट, होटल व अग्नि आदि के लिये लाल, पर्पल व हरे रंगो का प्रयोग करें। इनका 'लोगो' त्रिभुजाकार या आयताकार रखें।
आटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रानिक्स, छापखाना (प्रेस) मद्गाीन, ज्वैलरी, खदान आदि वेबसाईटो के लिए सुनहरे व पीले रंगों का प्रयोग करें। इनका 'लोगो' गोल या वर्गाकार रखे। प्रिटिंग, मीडिया, फर्नीचर, बागवानी, डेयरी आदि से जुडें वेबसाइटों के लिए हरे, नीले व काले रंगो का प्रयोग करे। इनका 'लोगो' आयताकार या तरंगाकार रखे। वेबसाइट के आरंभ में हल्के व आकर्षण तथा निचले हिस्से में गंभीर विषयवस्तु डाले।
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